Saturday 31 August 2013

उचित खान-पान

शुभ प्रभात मित्रों! आपका दिन शुभ रहे…

उचित खान-पान

शाम को चावल, दही, मूली न खाया कीजिये,
गर सुबह मिल जाये तो हर्गिज न छोडा कीजिये.
दाल-चावल को सभी खाते हैं सीधे से उबाल,
हर किसी सब्जी को ऐसे ही बनाया कीजिये.
कोई भी सामान मैदे का बना, हाजिम नहीं,
पेट को मिर्ची से जितना हो बचाया कीजिये.
मौसमी हर फल है रखता, आपकी सेहत दुरुस्त,
जिस भी कीमत पर मिले, इन सबको खाया कीजिये.
साथ खाने के जरा पानी भी पीना है मुफीद,
बाद खाने के जरा सा गुड भी खाया कीजिये.
दोपहर भोजन के बाद, थोडा सा आराम हो,
शाम को भोजन के फौरन बाद टहला कीजिये.
जितना सादा-औ-कुदरती हो सके भोजन करें,
सौंफ, जीरा, आंवला, नींबू न भूला कीजिये.
पेश्तर खाने के अदरक-औ-नमक खाया करें,
लाल गाजर, हरा धनिया, खूब खाया कीजिये.
तबियत न हो खाने की गर, तो कतई मत खाईये,
जब कभी भी हो सके, उपवास रखा कीजिये.
खाना खाकर जल न पीना, और न जब भूख हो,
अच्छे पाचन के लिये यह याद रखा कीजिये.
फायदे यूं बहुत हैं, सच बात तो है यह 'फिदा',
जो पच सके आराम से, बस वो ही खाया कीजिये.
. Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma 
Social Activist, RTI Activist & Scientist

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