Tuesday, 20 August 2013

देश की आर्थिक हालात अत्यंत खराब हो चुकी है...

देश की आर्थिक हालात अत्यंत खराब हो चुकी है...

चूँकि पिछले दस साल मे कांग्रेस सरकार ने कुल मिलाकर १७५ खराब डालर का कर्जा लीया हुआ है... ये कर्जा आई.एम.ऍफ़ वर्ल्ड बैकं और दुसरे देशों से लीया गया है...
इस कर्जे की ई.एम.आई पिछले छ: महीने से नहीं चुकाई गयी है...
२५ अरब डालर के हिसाब से १५० अरब की ई.एम आई बकाया हो चुकी है इसका कारण हैं की देश के दो धुरंधर अर्थशात्री चिदम्बरम और मनमोहन की आर्थिक उदारीकरण नीतिया...
इससे निबटने के लिए भारत सरकार " बांड" निकालेगी यानी की देश के एअरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बिजली आदि सभी जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेशी कंपनियों के हाथ गिरवी रखना पड़ेगा...
देश वासियों कांग्रेस देश को बेच चुकी है और जो अभी न चेते तो कब चेतोगे जब आप अपने बच्चे की फीस, घर का किराया, बिजली का बिल भी जमा करने लायक नहीं रह जाओगे...
इस अर्थ व्यवस्था के ऊपर देश के प्रधानमंत्री अभी १९९२ जैसे हालात होने की आशा कर रहे है उनका मानना है की अभी १९९२ जैसे हालात नहीं आये है...
जब देश का सोना गिरवी रखने की नौबत आयी थी मनमोहन सिंह अब तो सोना भी गिरवी रख कर कोई फायदा नहीं होने वाला क्या कीमत रह गयी है अंतर्राष्ट्रीय बजार मे सोने की...
शर्म करो मनमोहन सिंह कहते हैं डायन भी एक घर छोड़ देती है...
माना की आपका जन्म पाकिस्तान मे हुआ है लेकिन नमक तो इस देश का खाया है कम से कम नमक हरामी तो न करो देश को तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है...
एक इंसान का खून करने की सजा फांसी होती है पूरे देश के नागरिक का खून करने की सजा???
Photo: देश की आर्थिक हालात अत्यंत खराब हो चुकी है...
चूँकि पिछले दस साल मे कांग्रेस सरकार ने कुल मिलाकर १७५ खराब डालर का कर्जा लीया हुआ है... ये कर्जा आई.एम.ऍफ़ वर्ल्ड बैकं और दुसरे देशों से लीया गया है...
इस कर्जे की ई.एम.आई पिछले छ: महीने से नहीं चुकाई गयी है...
२५ अरब डालर के हिसाब से १५० अरब की ई.एम आई बकाया हो चुकी है इसका कारण हैं की देश के दो धुरंधर अर्थशात्री चिदम्बरम और मनमोहन की आर्थिक उदारीकरण नीतिया...
इससे निबटने के लिए भारत सरकार " बांड" निकालेगी यानी की देश के एअरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बिजली आदि सभी जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेशी कंपनियों के हाथ गिरवी रखना पड़ेगा...
देश वासियों कांग्रेस देश को बेच चुकी है और जो अभी न चेते तो कब चेतोगे जब आप अपने बच्चे की फीस, घर का किराया, बिजली का बिल भी जमा करने लायक नहीं रह जाओगे...
इस अर्थ व्यवस्था के ऊपर देश के प्रधानमंत्री अभी १९९२ जैसे हालात होने की आशा कर रहे है उनका मानना है की अभी १९९२ जैसे हालात नहीं आये है...
जब देश का सोना गिरवी रखने की नौबत आयी थी मनमोहन सिंह अब तो सोना भी गिरवी रख कर कोई फायदा नहीं होने वाला क्या कीमत रह गयी है अंतर्राष्ट्रीय बजार मे सोने की...
शर्म करो मनमोहन सिंह कहते हैं डायन भी एक घर छोड़ देती है...
माना की आपका जन्म पाकिस्तान मे हुआ है लेकिन नमक तो इस देश का खाया है कम से कम नमक हरामी तो न करो देश को तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है...
एक इंसान का खून करने की सजा फांसी होती है पूरे देश के नागरिक का खून करने की सजा???

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